अलंकार का शाब्दिक अर्थ है- अलंकृति, अलंकार, अलम् अर्थात् भूषण। जो भूषित करे वह अलंकार है। मानव समाज सौन्दर्योपासक है, उसकी इसी प्रवृत्ति ने अलंकारों को जन्म दिया है। अलंकार, कविता-कामिनी के सौन्दर्य को बढ़ाने वाले तत्व होते हैं। जिस प्रकार आभूषण से नारी का लावण्य बढ़ जाता है, उसी प्रकार अलंकार से कविता की शोभा बढ़ जाती है। कहा गया है - 'अलंकरोति इति अलंकारः' (जो अलंकृत करता है, वही अलंकार है।) जिस प्रकार सुवर्ण आदि के आभूषणों से शरीर की शोभा बढ़ती है उसी प्रकार काव्य-अलंकारों से काव्य की।
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1. अशुद्ध विकल्प को पहचानिए
(a) विश्वामित्र = विश्व + मित्र (b) मूसलाधार = मूसल + धार (c) सभी = सब + ही (d) दीनानाथ = दीना + नाथ 2. 'वह जिस पर हमला किया गया हो' — के लिए एक शब्द चुनें (a) आत्मघात (b) आघात (c) आक्रांत (d) आक्रांता पाठ बोधन का अभ्यास परीक्षार्थी की विभिन्न योग्यताओं को जाचंने का एक अच्छा मापदंड होता है | यह सभी प्रतियोगी परीक्षाओं का एक महत्वपूर्ण भाग होता है |
निर्देश- निम्नलिखित गंद्याश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उसके आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : इतिहास या स्त्रोतों के आधार पर हिन्दी प्रत्ययों को चार वर्गों मे विभाजित किया जाता है -
1. तत्सम प्रत्यय 2. तद्भव प्रत्यय 3. देशज प्रत्यय 4. विदेशज प्रत्यय प्रत्यय शब्द का अर्थ - प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है,पीछे चलना।
परिभाषा - जो शब्दांश शब्दों के अंत में लगकर उनके अर्थ को बदल देते हैं वे प्रत्यय कहलाते हैं। जैसे-जलज, पंकज आदि। जल=पानी तथा ज=जन्म लेने वाला। पानी में जन्म लेने वाला अर्थात् कमल। इसी प्रकार पंक शब्द में ज प्रत्यय लगकर पंकज अर्थात कमल कर देता है। प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं- 1. कृत प्रत्यय। 2. तद्धित प्रत्यय। 1. खड़ीबोली का अरबी-फ़ारसीमय रूप है:
- उर्दू भाषा 2. हिन्दी भाषा का पहला समाचार-पत्र 'उदंत मार्तण्ड' किस सन् में प्रकाशित हुआ था? - 1826 3. हिन्दी के किस समाचार-पत्र में 'खड़ीबोली' को 'मध्यदेशीय भाषा' कहा गया है? - बनारस अखबार 4. 'गाथा' (गाहा) कहने से किस लोक प्रचलित काव्यभाषा का बोध होता है? - प्राकृत 5. सिद्धों की उद्धृत रचनाओं की काव्य भाषा है: - देशभाषा मिश्रित अपभ्रंश अर्थात् पुरानी हिन्दी कर्मधारय समास : जिस समास का उत्तरपद प्रधान हो और पूर्वपद व उत्तरपद में विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का संबंध हो वह कर्मधारय समास कहलाता है।
पहचान : विग्रह करने पर दोनों पदों के मध्य में ‘है जो’, ‘के समान’ आदि आते हैं | समास
समास का शाब्दिक अर्थ : समास का शाब्दिक अर्थ है- समास शब्द दो शब्दों ‘सम’ (संक्षिप्त) एवं ‘आस’ (कथन/शब्द) के मेल से बना है जिसका अर्थ है - संक्षिप्त कथन या शब्द | समास प्रक्रिया में शब्दों का संक्षिप्तीकरण किया जाता है। परिभाषा समास : समास दो अथवा दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए नए सार्थक शब्द को कहा जाता है। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि "समास वह क्रिया है, जिसके द्वारा कम-से-कम शब्दों मे अधिक-से-अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। समस्त-पद / सामासिक पद : समास के नियमो से बना शब्द समस्त-पद / सामासिक शब्द कहलाता है | समास-विग्रह : सामासिक शब्दों के बीच के संबंध को स्पष्ट करना समास-विग्रह कहलाता है। जैसे-राजपुत्र-राजा का पुत्र। पूर्वपद और उत्तरपद : समास में दो पद (शब्द) होते हैं। पहले पद को पूर्वपद और दूसरे पद को उत्तरपद कहते हैं। जैसे-गंगाजल। इसमें गंगा पूर्वपद और जल उत्तरपद है। 1. खड़ी बोली का प्रयोग सबसे पहले किस पुस्तक में हुआ ?
(अ) भक्तिसागर (ब) सुखसागर (स) काव्य सागर (द) प्रेम सागर 2. 'माटी का मोल' उपन्यास के लेखक कौन हैं? (अ) जयनारायण कौशिक (ब) संतोश सिंह (स) मोहन चोपड़ा (द) मधुकान्त ग) विसर्ग-संधि
विसर्ग(:) के बाद स्वर या व्यंजन आने पर विसर्ग में जो विकार होता है उसे विसर्ग-संधि कहते हैं। जैसे- मनः + अनुकूल = मनोनुकूल |
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November 2019
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